Monday, March 27, 2017

गोमती रिवर फ्रंट पर बोले योगी आदित्यनाथ "इसकी लागत बहुत ज्यादा है ,कागजो में गोमती नदी को 6 किलोमीटर तक 3 मीटर गहरा किया गया है इसमें निकली मिट्टी कहाँ फेंकी गयी?


उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जबसे मुख्यमंत्री बने हैं तबसे ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं अभी उन्हें मुख्यमंत्री बने महज 9 दिन ही हुए हैं मगर इन 9 दिनों में वो 9 बड़े फैसले ले चुके हैं ,आज आदित्यनाथ योगी गोमती नदी की साफ सफाई चेक करने पंहुच गये उन्होंने अफसरों की जमकर क्लास लगाई बोले गोमती नदी को साफ़ होने में इतना समय क्यों लग रहा है ,मई तक गोमती नदी का पानी साफ़ हो जाना चाहिए
यूपी के नए सीएम आदित्यनाथ योगी आज सुबह करीब सवा 11 बजे गोमती रिवर फ्रंट पंहुचे उनके साथ रीता बहुगुणा जोशी और डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा भी मौजूद थे ,इसी दौरान उन्होंने गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट पर चल रहे काम की जानकारी ली तो पाया कि इस प्रोजेक्ट में बहुत ही ज्यादा घोटाला किया गया है

उन्होंने अफसरों से पूछा कि गोमती नदी अभी तक साफ़ क्यों नहीं हो पाई है इसके पानी से बदबू आ रही है,क्या सारे पैसे सिर्फ पत्थरों पर ही खर्च कर दिए ,गोमती नदी में गिर रहे गंदे नाले को देखकर योगी अफसरों पर भड़क गये और बोले कि ये सुनिश्चित किया जाये कि गोमती नदी में एक भी गन्दा नाला न गिर पाए ,पहले उस गंदे पानी का ट्रीटमेंट किया जाये तभी गोमती नदी में छोड़ा जाये ,साथ ही योगी ने अफसरों को आदेश दिया कि मई तक गोमती नदी का पानी साफ़ हो जाना चाहिए ,उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट का पूरा काम एक साल के अंदर पूरा हो जाना चाहिए।"

योगी आदित्यनाथ ने अफसरों की क्लास लेते हुए पूछा "कागजों में ये दिखाया गया है कि गोमती नदी को अखिलेश यादव ने 6 किलोमीटर तक 3 मीटर की गहराई में गहरा करवाया है और इस काम की लागत दिखाई है नदी को अगर सच में गहरा करवाया गया था तो इससे निकली मिट्टी कहाँ गयी?"

आपको बता दें कि गोमती रिवर फ्रंट का लोकार्पण अखिलेश यादव ने 16 नवम्बर 2016 को किया था ,i प्रोजेक्ट के लिए कुल बजट 1400 करोड़ रूपये का रखा गया था और अबतक 900 करोड़ रूपये खर्च होने के बावजूद भी कुछ काम नहीं हो सका ,इस स्टेडियम नाम अखिलेश यादव अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए गौस मोहम्मद के नाम पर रखा है

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अभी तक 9 दिनों में 9 बड़े फैसले ले चुके हैं चाहे वो सरकारी दफ्तरों में गुटखा पान मसाला पर प्रतिबन्ध हो ,अफसरों का समय पर आना हो ,एंटी रोमियो दल का गठन हो या फिर अवैध बूचड़खानों को बंद करना हो
Previous Post
Next Post

post written by:

0 comments: